Monday, April 01, 2013

Ajnabi

तू कौन है
जिसका सपना देखा मैंने
सोच - सोच मै घबराऊँ
पाऊ ना मै अब कुछ कहने

तू कौन है
जो लगे है जाना - पहचाना नहीं
तेरी बातें है बहुत प्यारी
पर है तू एक अजनबी

तू कौन है
जिससे हुआ है ये अनोखा परिचय
'तेरा साथ ' होगा कि नहीं
विधाता ही करेगा इसका निर्णय 

2 comments:

  1. Amazing thought about the 'unknown' person. Lovely poem in Hindi. Look forward to many more creations from you. You can try out the Hindo font to give it authenticity.

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    1. Updated the post using the Hindo font this time :)

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